गत
24 जनवरी को बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में सुबह आइसा के एक कार्यकर्ता को
बिरला क्षात्रावास में रह रहे अभाविप के कुछ गुंडों द्वारा पिटा गया।
बीसीएम की तरफ से बतौर प्रतिनिधि शैलेश और
अजय लंका थाने गए और ऍफ़आईआर दर्ज करवाया गया उसी दिन शाम बिरला से गुज़र
रही छात्राओं पर परिसर में तथाकथित समाजवादी ''समाजवादी छात्र सभा''से
जुड़े कुछ गुंडों (सुजीत सिंह ''मेजर '',शेखर सिंह ,मृत्युंजय )ने अश्लील
फ़ब्तिया कसी और उनके साथ छेड़खानी की उसके बाद बहादुर लडकियों ने पलटकर जवाब
दिया।
हिंदी विभाग पहुचकर इनके खिलाफ नारे
लगाते हुए धरने पर बैठ गयी और इनके निष्कासन की मांग करने लगी। फिर ये
गुंडे वहाँ पहुच कर उनको गन्दी-गन्दी गालियाँ दिए ,धमकी दिए इसके बाद
प्रशासन भी उनके ऊपर लाठियां बरसाना सुरु कर दिया।तब छात्र-छात्राए वहाँ से
बचते हुए वि सी आवास की तरफ बढ़ने लगे वहाँ पर भी पुलिस बैरिकेड लगाए हुए
तैनात थी।
बावजूद इसके बैरिकेड तोड़कर
छात्र-छात्राएं वीसी आवास के सामने संगठित हो गए और गुंडों एवं प्रशासन के
खलाफ नारे लगाते हुए धरने पर बैठ गए वे मांग कर रहे थे की गुंडों को
गिरफ्तार किया जाए और उनको निष्कासित किया जाए ,वीसी बाहर निकले अपनी
छात्राओ की समस्याए सुने।
हद तो तब हो गयी जब गुंडे वहा पर भी आ
धमके अश्लील इशारे करते गालियाँ देने लगे और धरने को हटाने का पूरा प्रयास
किये और बीसीएम के सचिव रितेश विद्यार्थी को धमकी भी दी गई वही प्रशासन
के डेढ़ सौ से अधिक जवान होने के बावजूद उन्हें कुछ नहीं किया गया बल्कि
उनको कहते शांत हो जाओ कुछ नहीं होगा। उल्टे छात्राओ को मर्यादा में
रहने की हिदायत देते हैं मामला साफ़ है इनकी सत्ता है प्रशासन की सह पर
गुंडे ऐसा कर पा रहे है पांच घंटे तक धरने पर बैठे छात्राओं से वीसी मिलने
नहीं आये तब पांच छात्राए मिलने के लिए गयी और केवल आश्वासन देकर भेज
दिया गया तब जाकर साढ़े सात बजे धरना समाप्त हुआ।
इसी मामलें को लेकर बीसीएम ने निर्णय लिया की ३० जनवरी को विश्वविद्यालय परिसर में छेड़खानी व् गुंडागर्दी के खिलाफ एवं परिसर को भय मुक्त बनाने के लिए छात्र-छात्राओं एवं बुद्धिजीवियों का संकल्प मार्च किया जायेगा।
उसी सिलसिले में पुरे कैम्पस में पोस्टर लगाए गए और पर्चे भी बांटे गए चीफ प्राक्टर के घूम-घूम कर पोस्टर फाड़ने पर दोबारा पोस्टर लगाएं गए। लेकिन जैसे ही बीसीएम के कार्यकर्त्ता निकलने के लिए हिंदी विभाग चौराहे पर अपने बैनर और तक्थियाँ लेकर पहुचते है उन्हें आधुनिक और लोकतान्त्रिक मूल्यों के केंद्र में और गाँधी के शहादत दिवस के दिन पुलिस और प्रोक्टोरियल बोर्ड के जवान गिरफ्तार करके बर्बरता पूर्वक पुलिस वेंन में ठूस दिया गया।
गिरफ्तार होने वालों में संगठन के सचिव रितेश विद्यार्थी ,सुनील कुमार ,अरुण ,उज्जवल शामिल थे। छेड़खानी व् गुंडागर्दी करने वाले परिसर में भय मुक्त घूम रहे है लेकिन इसका विरोध करने वालों को गिरफ्तार किया जाता है भगत सिंह छात्र मोर्चा के नेताओं की गिरफ़्तारी के बाद पूरा परिसर उबल पड़ा। विभिन्न संगठनो ने इस गिरफ़्तारी को परिसर में लोकतंत्र की ह्त्या और गुंडा तत्वों को संरक्षण देने वाला कदम बताते हुए मुख्य द्वार बीएचयू से मार्च निकाला , लंका थाने का घेराव किया और धरना दिया।
थाना प्रभारी के कहने पर की तुम्हारे साथी रिहा हो गए और इसकी पुष्टि हो जाने पर देर शाम धरना समाप्त हुआ जिसमें बीसीएम ,अनुसूचित जाति - जनजाति छात्र संगठन ,अईसा ,एसऍफ़आई संगठन शामिल थे।
अभी तक दोसियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
इसी मामलें को लेकर बीसीएम ने निर्णय लिया की ३० जनवरी को विश्वविद्यालय परिसर में छेड़खानी व् गुंडागर्दी के खिलाफ एवं परिसर को भय मुक्त बनाने के लिए छात्र-छात्राओं एवं बुद्धिजीवियों का संकल्प मार्च किया जायेगा।
उसी सिलसिले में पुरे कैम्पस में पोस्टर लगाए गए और पर्चे भी बांटे गए चीफ प्राक्टर के घूम-घूम कर पोस्टर फाड़ने पर दोबारा पोस्टर लगाएं गए। लेकिन जैसे ही बीसीएम के कार्यकर्त्ता निकलने के लिए हिंदी विभाग चौराहे पर अपने बैनर और तक्थियाँ लेकर पहुचते है उन्हें आधुनिक और लोकतान्त्रिक मूल्यों के केंद्र में और गाँधी के शहादत दिवस के दिन पुलिस और प्रोक्टोरियल बोर्ड के जवान गिरफ्तार करके बर्बरता पूर्वक पुलिस वेंन में ठूस दिया गया।
गिरफ्तार होने वालों में संगठन के सचिव रितेश विद्यार्थी ,सुनील कुमार ,अरुण ,उज्जवल शामिल थे। छेड़खानी व् गुंडागर्दी करने वाले परिसर में भय मुक्त घूम रहे है लेकिन इसका विरोध करने वालों को गिरफ्तार किया जाता है भगत सिंह छात्र मोर्चा के नेताओं की गिरफ़्तारी के बाद पूरा परिसर उबल पड़ा। विभिन्न संगठनो ने इस गिरफ़्तारी को परिसर में लोकतंत्र की ह्त्या और गुंडा तत्वों को संरक्षण देने वाला कदम बताते हुए मुख्य द्वार बीएचयू से मार्च निकाला , लंका थाने का घेराव किया और धरना दिया।
थाना प्रभारी के कहने पर की तुम्हारे साथी रिहा हो गए और इसकी पुष्टि हो जाने पर देर शाम धरना समाप्त हुआ जिसमें बीसीएम ,अनुसूचित जाति - जनजाति छात्र संगठन ,अईसा ,एसऍफ़आई संगठन शामिल थे।
अभी तक दोसियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
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