सीमा-विश्वविजय को जमानत
सीमा आज़ाद की गिरफ्तारी और उन पर और फर्जी मुकदमे थोपने की कार्यवाही तब हुई जब वे महत्वपूर्ण मानवाधिकार मुद्दों को उठा रही थी. सीमा आजाद और विश्वविजय की जमानत से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में उत्साह है....
जनज्वार. राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता सीमा आजाद और विश्वविजय को आज जमानत मिल गयी है. गौरतलब
है कि उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के एक जिला एवं सत्र न्यायालय ने 8 जून
को सीमा आजाद और विश्वविजय को आजीवन कारावास के साथ-साथ 75-75 हजार रुपये
का जुर्माना भरने की सजा सुनायी थी. सीमा और विश्वविजय पति-पत्नी हैं.
उत्तर
प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक सीमा आज़ाद और विश्वविजय के पास
माओवादी साहित्य मिला, जो प्रतिबंधित संस्था कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
(माओ) से संबन्धित है। हालांकि उनको गिरफ्तार स्पेशल टास्क फोर्स उत्तर
प्रदेश ने किया, पर बाद में उनका केस आतंकवाद विरोधी दस्ते को सौंप दिया
गया.
सीमा आज़ाद की गिरफ्तारी और उन पर और फर्जी मुकदमे थोपने की कार्यवाही तब हुई जब वे महत्वपूर्ण मानवाधिकार मुद्दों को उठा रही थी. सीमा आजाद और विश्वविजय की जमानत से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में उत्साह है.
गौरतलब है
कि इससे पहले भी सीमा आज़ाद और विश्वविजय की जमानत अर्जी कई बार अदालत में
आई इस नामंज़ूर की गयी थी. सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने कहा कि
देर से ही सही, सीमा-विश्वविजय मामले में आये इस न्यायपूर्ण फैसले का हम
स्वागत करते हैं.
awaj uthane ka hi natija hai....
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