एक सपना
मैंने आज एक सपना देखा
सपने में कुछ अजनबियों को देखा
अजनबी जैसे अपने से
लेते थे अल्लाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में
माफ़ कीजियेगा चंदर शेखर आजाद पार्क
पढ़ रहे थे कुछ किताबें
मार्क्स,लेनिन, भगतसिंह या हो सकता है माओ भी
उस पार्क को घेर लिया
… सेना ने या पुलिस ने मुझे याद नहीं
बस याद है वो अजनबी दोस्त
उनका गोलियों से छलनी जिस्म
……………………..
सुबह उठकर देखा
सीमा आजाद को उम्र कैद की सजा
सपने में कुछ अजनबियों को देखा
अजनबी जैसे अपने से
लेते थे अल्लाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में
माफ़ कीजियेगा चंदर शेखर आजाद पार्क
पढ़ रहे थे कुछ किताबें
मार्क्स,लेनिन, भगतसिंह या हो सकता है माओ भी
उस पार्क को घेर लिया
… सेना ने या पुलिस ने मुझे याद नहीं
बस याद है वो अजनबी दोस्त
उनका गोलियों से छलनी जिस्म
……………………..
सुबह उठकर देखा
सीमा आजाद को उम्र कैद की सजा
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– 2012/07/16