सोनिया-राहुल की सुरक्षा पर खर्च होंगे 51 करोड़
- 01 August 2012
राहुल की कुल जमा उपलब्धि यही है कि वे सोनिया और राजीव के बेटे हैं और समय-समय पर गरीब-गुरबों के घर ‘जबरदस्ती’ घुसकर या दूसरी पार्टियों के घोषणपत्र फाड़कर कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने की हरसंभव (लेकिन असंभव) कोशिश करते रहते हैं...
मनु मनस्वी
ताजा खबर है कि देश की आम जनता को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही यूपीए-2 सरकार अपने मूक प्रधानमंत्री मनमोहन, सोनिया और 'देशी बाबा' राहुल की सुरक्षा में लगी गाड़ियों पर ही आम जनता की गाढ़ी कमाई के 51 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। बहाना बनाया जा रहा है देश में बढ़ते आतंकी खतरे का।
केवल खास लोगों की सुरक्षा करने वाली कमांडो फोर्स स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी ने प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल जैसे वीवीआईपियों के लिए दस डिफेंस शेरपा- 2 काउंटर असॉल्ट और 6 डिफेंस शेरपा-2 क्विक रिएक्शन जैसी स्पेशल गाड़ियों की मांग की है। पेंच इस बात पर अटका है कि इन गाड़ियों की खरीद के लिए एसपीजी के कैबिनेट सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समिति की मंजूरी की जरूरत है। एसपीजी 2014 के चुनावों से पहले पूरी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करना चाहती है।
सोनियाई निजाम की बदौलत देश में जो कुछ भी हो रहा है, उससे आम आदमी तो हैरान-परेशान है ही, साथ ही सरकार की सुरक्षा के तामझाम में लगे सुरक्षाकर्मियों की भी नींद हराम है। कभी राहुल बाबा शैतान बच्चे की तरह सुरक्षा घेरा तोड़कर आम जनता के बीच चले जाते हैं, तो कभी कोई फरियादी उनकी कार के सामने लेट जाता है। घर आने पर सोनिया मम्मी से लताड़ पड़ती है सो अलग, कि गरीबों को मुंह क्यो लगाया?
गुवाहाटी कांड को हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है। असम सुलग रहा है और अन्ना भी लगातार सरकार को झटके दे रहे हैं। ऐसे में राहुल बाबा को ‘बड़ी’ भूमिका सौंपने को आतुर कांग्रेसी चौकड़ी को लग रहा है कि उनकी महारानी और युवराज की सुरक्षा पर गंभीर खतरा है। वैसे भी ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ होता ही है।
जिस जनता के पैसों की ऐसी-तैसी कर कांग्रेस सरकार ने वायदों का झुनझुना थमाया है, उसी जनता की कमाई से जनता के लिए नहीं, बल्कि अपने लिए सुरक्षा के इंतजामात किए जा रहे हैं। किसी मौहल्ले के ‘लल्लू’ से भी गए-बीते राहुल बाबा में न जाने कांग्रेसी जमूरों को ऐसा क्या दिखता है कि उनके लिए पलक-पांवंड़े बिछाने को तैयार रहते हैं। राहुल की कुल जमा उपलब्धि यही है कि वे सोनिया और राजीव के बेटे हैं और समय-समय पर गरीब-गुरबों के घर ‘जबरदस्ती’ घुसकर या दूसरी पार्टियों के घोषण पत्र फाड़कर कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने की हरसंभव (लेकिन असंभव) कोशिश करते रहते हैं।
अब इन जनाब समेत सोनिया मैडम और प्रियंका बढ़ेरा (याद आया, साथ में मनमोहन भी, जो फ्री पैकेज के रूप में शामिल रहते हैं) को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। सवाल यह उठता है कि क्या आतंकी खतरा आम आदमी पर नहीं मंडरा रहा. क्या केवल सोनिया एण्ड संस ही आतंकियों के लिए टारगेट हैं. बरसों से आम आदमी के साथ होने का दावा करने वाला कांग्रेसी हाथ को क्या आम आदमी की सुरक्षा की कोई फिक्र नहीं, जो ट्रेन हादसों में, बाढ़ अकाल या अन्य हमलों में मारे जाते रहे हैं और जिन हमलों की जांच बरसों चलती रहती है।
जवाब ढूंढने के लिए मगजमारी करने की जरूरत नहीं है। अब सोनिया एण्ड कंपनी तो 51 करोड़ की गाड़ियों में बम-गोलों से महफूज हो जायेंगे, लेकिन आम आदमी अपनी सुरक्षा के लिए 51 रुपए का प्रसाद भी मंदिर में चढ़ाने लायक नहीं रह जाएगा।
मनु मनस्वी उत्तराखंड में पत्रकार हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें