शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

एक सपना

मैंने आज एक सपना देखा
सपने में कुछ अजनबियों को देखा
अजनबी जैसे अपने से
लेते थे अल्लाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में
माफ़ कीजियेगा चंदर शेखर आजाद पार्क
पढ़ रहे थे कुछ किताबें
मार्क्स,लेनिन, भगतसिंह या हो सकता है माओ भी
उस पार्क को घेर लिया
… सेना ने या पुलिस ने मुझे याद नहीं
बस याद है वो अजनबी दोस्त
उनका गोलियों से छलनी जिस्म
……………………..
सुबह उठकर देखा
सीमा आजाद को उम्र कैद की सजा
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