शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

किताबें

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उडीसा के जनसंघर्ष : सबक एवं चुनौतियां उड़ीसा में जल-जंगल-ज़मीन की लूट के खिलाफ चल रहे जन-आन्दोलनों पर केंद्रित धीरेन्द्र प्रताप सिंह की पुस्तिका
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हिमाचल प्रदेश के जनसंघर्ष: न्याय के लिए बढ़ते कदम
हिमाचल प्रदेश का भू-भाग अपनी पहचान एवं इतिहास के लिए एक राज्य के रूप में प्रशासनिक गठन की तारीख का मोहताज नहीं है. प्रकृति के वरदानों से लबरेज यह क्षेत्र मनुष्य एवं प्रकृति के रिश्तों की एक मिसाल तब तक बना रहा जब तक प्राकृतिक संपदा का दोहन मुनाफे के लिए करने वालों का पदार्पण यहाँ नहीं हुआ था. पूरी पुस्तिका यहाँ पढ़ें....
मध्य प्रदेश के जनसंघर्ष: आजीविका का सवाल
प्रदेश में 11 प्रमुख नदियाँ बहती हैं. यह नदियाँ कभी लोगों की खुशहाली का कारण होती थीं, लेकिन आज कंपनियों, कार्पोरेट्स और सरकारों के मुनाफ़ा कमाने का साधन बन चुकी हैं, क्योंकि सरकारें इन नदियों पर बाँध बनाकर इनका पानी बेचने का काम करने लगी हैं. नर्मदा, चम्बल, ताप्ती, क्षिप्रा, तवा, बेतवा, सोन, बेन गंगा, केन, टोंस तथा काली सिंध इन सभी नदियों के मुहानों पर आज सरकार पावर प्लांट लगा रही है या लगाने जा रही है जिससे लाखों लोगों के सामने अपने अस्तित्वा का संकट पैदा हो गया है. पूरी पुस्तिका यहाँ पढ़ें...

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