कास्त्रो की किताब गुरिल्ला आफ़ टाइम का लोकार्पण
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क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फ़िदेल
कास्त्रो लंबे समय बाद किसी सार्वजनिक समारोह में दिखाई दिए. इस बार वो
अपनी किताब के लोकार्पण के दौरान लोगों के बीच आए.
अपनी किताब को उन्होंने शीर्षक दिया है- गुरिल्ला ऑफ़ टाइम. लगभग 1000
पेज की इस किताब में उनके बचपन से लेकर क्यूबा की ऐतिहासिक क्रांति और
उनके सत्ता में आने तक का सफ़र है.
85 साल के कास्त्रो ने कहा कि क्यूबा के हर नागरिक का फ़र्ज़ है कि वो अंतिम समय तक क्यूबा, इस ग्रह और मानवता के लिए जूझे.
कम्यूनिस्ट पार्टी के अख़बार ने कहा है कि हवाना कन्वेंशन सेंटर पर हुआ समारोह छह घंटे से ज़्यादा समय तक चला.
ये किताब फ़िदेल कास्त्रो और पत्रकार कातियुस्का ब्लैंको के बीच हुई बातचीत पर आधारित है.
किताब कास्त्रो के बचपन से शुरु होती है और पाठकों को दिसंबर 1958 तक
ले जाती है जब कास्त्रो और उनके समर्थकों ने सत्ता पलट कर दी थी.
किताब लॉन्च के मौके पर कास्त्रो ने समसामयिक विषयों पर बात की.
उन्होंने मुफ़्त शिक्षा मिलने के अधिकार को लेकर लातिन अमरीकी छात्रों के
आंदोलन की तारीफ़ की.
कास्त्रो ने अपने मित्र और वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज़ की
तारीफ़ भी की और कहा कि उन्होंने अपने देश के लोगों के लिए बहुत काम किया
है.
वे आख़िरी बार पिछले साल अप्रैल में कम्यूनिस्ट पार्टी का सम्मेलन में सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए थे.
कास्त्रो ने 2006 में अपने बाई राउल को राष्ट्रपति बना दिया था. उसके बाद से ही वे सुर्ख़ियों से दूर रहे हैं.
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