वनाधिकार: नहीं दे पा रहा है आदिवासियों और परम्परागत वन वासियों को संरक्षण
चन्दौली जिले के नौगढ़ विकास खण्ड पर 14 अगस्त 2012 को धरना- मजदूर किसान मोर्चा
सरकार हो या पूंजीवादी ताकते, इन्होंने कभी भी दलितों और आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाह है ? परन्तु जनाक्रोश को दबाने के लिये इनके हक को दर्शाने वाले कानून तों बना दिये जाते है लेकिन इनके सही क्रियान्वयन न करने कि निरंतर प्रक्रिया के चलते ऐसे कानूनों का थोड़ा लाभ देकर इन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. ठिक इस तरह कि दोगली सोच के साथ लागू हुआ वनाधिकार कानून 2006 की असिलियत अब जगजाहिर होने लगी हैं. आज हम देखते है कि दलितों, परम्परागत वन वासियों और आदिवासियों को इस कानून का सही मायने में लाभ नहीं मिल पा रहा है. उत्तर प्रदेश के चन्दोंली जिले में संघर्षरत मजदूर किसान मोर्चा की रिपोर्ट-

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें